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पत्रकार पर FIR का मामला गर्माया, पुलिस के खिलाफ विरोध तेज

भोपाल-देश में दूसरों की आवाज सरकार तक पहुंच कर उनको न्याय दिलाने वाला पत्रकार आज खुद षड्यंत्र का शिकार हो रहा है पत्रकारों को ना तो अच्छी तनखा मिलती है और ना कोई उनके परिवार की चिंता करता है फिर भी पत्रकार समाज में छुपे भ्रष्टाचार अवैध कारोबारी एवं अपराधियों को बेनकाब करता रहता है ताकि समाज के लोग सुख शांति से रह सके देश दुनिया में हो रही गतिविधियों को भी जनता के सामने अक्सर अपनी कलम के माध्यम से प्रस्ता रहता है ऐसे में अगर किसी पत्रकार के खिलाफ षडयंत्र पूर्वक अपराध दर्ज हो जाए तो उनको न्याय कौन दिलाएगा यह आज के समय में पत्रकार के लिए बहुत बड़ी चिंता बनी हुई है पत्रकार किसी न किसी माध्यम से शिकार होता जा रहा है अवैध कारोबारी ने इन दिनों अपने गलत धंधे चलाने के लिए एक नया हथियार ढूंढ निकाला है अवैध कारोबारों की खबर छपने वाले पत्रकारों को झूठे मामले में फंसने का और पुलिस भी बिना जांच के ही पत्रकारों पर FIR दर्ज करके गिरफ्तार करने में जुट जाती ऐसा लगता है कि पुलिस की नजर में अपराधियों से ज्यादा खतरनाक पत्रकार हैं कटारा हिल्स थाने से पहले भी कई थानों में पत्रकार के खिलाफ फर्जी पत्रकार बढ़कर या फिर अड़ीबाजी का आरोप लगाकर अपराध दर्ज करवाए गए हैं और यह मामले इसलिए सामने नहीं आए क्योंकि कभी भी किसी पत्रकार ने या फिर मीडिया संगठनों ने पुलिस के खिलाफ आवाज नहीं उठाई लेकिन इस बार पुलिस पर पत्रकार पर एफआईआर दर्ज करने का मामला उल्टा ही पड़ गया भोपाल के कटारा हिल्स थाने में पत्रकार के खिलाफ दर्ज हुई FIR अब बड़ा मुद्दा बन गई है। पत्रकार संगठनों और मीडिया से जुड़े लोगों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। रॉयल प्रेस क्लब के सदस्यों ने थाने के बाहर धरना दिया और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। इस मामले में भाजपा के मीडिया प्रभारी ने भी आपत्ति जताते हुए इसे “दोषपूर्ण कार्यवाही” करार दिया और थाना प्रभारी के निलंबन की मांग की। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरा है और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पत्रकार पर आडिबाजी के मामले में अपराध पंजीबद किया गया था पुलिस ने बताया कि 20 मार्च को कटरा पुलिस ने अपराध दर्ज किया है 24 मार्च को पत्रकार को गिरफ्तार किया गया मेडिकल करवाने के बाद न्यायालय में पेश किया किया गया है सूचना मिल रही है कि पूर्व थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है लेकिन इस घटना से नाराज पत्रकार संगठन ने थाना प्रभारी पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की ताकि समाज में पत्रकारों के साथ हो रहे अन्य को रोका जा सके वही इस मामले की सूचना मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी पत्रकारों द्वारा दी गई इस पर CM ने जांच का आश्वासन दिया था पत्रकारों ने प्रदर्शन के दौरान पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग भी की है FIR के विरोध में पत्रकार संगठनों ने मध्यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग तेज कर दी है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। अब सभी की नजर प्रशासन पर है कि वह इस मामले में क्या निर्णय लेता है।

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