भोपाल। मध्यप्रदेश सहित राजधानी के समस्त छोटे और मंझोले समाचार पत्रों के प्रकाशकों ने हाल ही में आर.एन.आई. और पी.आई.बी. द्वारा लागू की गई 48 घंटे की समयसीमा पर आपत्ति जताई है। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया कि सेवा पोर्टल पर प्रत्येक अंक को 48 घंटे में दर्ज करने का नया नियम छोटे समाचार पत्रों के लिए मानसिक दबाव बन गया है। उनका कहना है कि अधिकांश छोटे अखबार बाजार स्थित प्रेसों में छपते हैं, जहां समय पर छपाई न होने के कारण देरी स्वाभाविक है। इसके अलावा, छोटे अखबारों के पास आवश्यक तकनीकी संसाधनों जैसे कंप्यूटर या स्मार्टफोन की भी कमी है, जिससे समयसीमा का पालन करना मुश्किल हो जाता है। कई बार पारिवारिक या निजी कारणों से भी प्रकाशक समय पर अपडेट नहीं कर पाते। ऐसे में सरकार से अनुरोध किया गया है कि इस नियम में लचीलापन लाया जाए ताकि छोटे समाचार पत्रों को अनावश्यक दबाव का सामना न करना पड़े।
समाचार पत्रों ने 48 घंटे की समयसीमा पर जताई आपत्ति

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