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MP के अस्पताल में बुजुर्ग की पिटाई, सिस्टम फिर सवालों में

मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। ताजा मामला छतरपुर जिला अस्पताल का है, जहां 75 साल के एक बुजुर्ग के साथ दिल दहला देने वाला व्यवहार किया गया। अपनी बीमार पत्नी के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे बुजुर्ग जब लंबी लाइन में देर तक खड़े नहीं रह पाए और इलाज जल्दी करने की गुहार लगाई, तो अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी। लात-घूंसे मारने के बाद बुजुर्ग को घसीटते हुए अस्पताल से बाहर फेंक दिया गया। यह अमानवीय व्यवहार अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हुआ, जिससे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और असंवेदनशीलता एक बार फिर उजागर हो गई है।

यह कोई पहला मामला नहीं है, जब मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इस तरह की घटना सामने आई हो। कुछ ही समय पहले विदिशा जिला अस्पताल में एक महिला को स्ट्रेचर न मिलने पर परिजनों को उसे चारपाई पर अस्पताल तक लाना पड़ा था। वहीं, श्योपुर के जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से एक नवजात की मौत हो गई थी, जब डॉक्टर मोबाइल पर व्यस्त थे और समय पर इलाज नहीं दे पाए।

प्यार में अंधी पत्नी ने रचा खौफनाक खेल, सांप के ज़रिए छुपाना चाहा कत्ल का राज!

बेवफा पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतारने के बाद ऐसा षड्यंत्र रचा की लोगों के होश उड़ गए घटना को देखकर लोग भयभीत हो गए मुस्कान की बेवफाई के बाद लगातार पत्नी के प्रेमियों के साथ हत्या की नई-नई घटनाएं सामने आ रही है उत्तर प्रदेश के बरेली में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां रविता नाम की महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति अमित कश्यप उर्फ मिक्की की हत्या कर दी। दो दिन पहले अमित की लाश उसके घर के बेड पर मिली थी। लाश के पास एक सांप भी पड़ा था, जिससे पहली नजर में मामला सांप के काटने का लगा। लेकिन जब पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, तो सच्चाई सामने आई। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अमित की मौत सांप के काटने से नहीं, बल्कि गला दबाने से हुई थी। पुलिस ने रविता और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है। पूरे देश में बेवफा पत्नियों के खूबसूरत चेहरे के पीछे छुपी हैवानियत सामने निकाल कर आ रही है

समाचार पत्रों ने 48 घंटे की समयसीमा पर जताई आपत्ति

भोपाल। मध्यप्रदेश सहित राजधानी के समस्त छोटे और मंझोले समाचार पत्रों के प्रकाशकों ने हाल ही में आर.एन.आई. और पी.आई.बी. द्वारा लागू की गई 48 घंटे की समयसीमा पर आपत्ति जताई है। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया कि सेवा पोर्टल पर प्रत्येक अंक को 48 घंटे में दर्ज करने का नया नियम छोटे समाचार पत्रों के लिए मानसिक दबाव बन गया है। उनका कहना है कि अधिकांश छोटे अखबार बाजार स्थित प्रेसों में छपते हैं, जहां समय पर छपाई न होने के कारण देरी स्वाभाविक है। इसके अलावा, छोटे अखबारों के पास आवश्यक तकनीकी संसाधनों जैसे कंप्यूटर या स्मार्टफोन की भी कमी है, जिससे समयसीमा का पालन करना मुश्किल हो जाता है। कई बार पारिवारिक या निजी कारणों से भी प्रकाशक समय पर अपडेट नहीं कर पाते। ऐसे में सरकार से अनुरोध किया गया है कि इस नियम में लचीलापन लाया जाए ताकि छोटे समाचार पत्रों को अनावश्यक दबाव का सामना न करना पड़े।

राजधानी भोपाल में बदमाशों का आतंक: नशा करने से रोका तो युवक की गाड़ी में लगाई आग

भोपाल। राजधानी के टीला जमालपुरा थाना क्षेत्र में बदमाशों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला काजी कैंप इलाके का है, जहां कुछ बदमाशों ने महज नशा करने से मना करने पर एक युवक की एक्टिवा को आग के हवाले कर दिया। जानकारी के अनुसार, फराज नामक युवक ने अपने घर के नीचे नशा कर रहे 3-4 बदमाशों को टोका, जिससे नाराज़ होकर आरोपियों ने उसकी एक्टिवा में आग लगा दी। घटना की सूचना मिलते ही टीला जमालपुरा पुलिस मौके पर पहुंची और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि बाकी आरोपी मौके से फरार हो गए। फिलहाल पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। राजधानी में बदमाशों का इस तरह से बेखौफ घूमना स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर रहा है।

दिव्यांग प्रेमी संग मिलकर पत्नी ने की पति की हत्या, प्रेम प्रसंग बना खून की वजह

राजस्थान के अजमेर जिले के नसीराबाद सदर थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने दिव्यांग प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि महिला का अपने पति के अलावा एक दिव्यांग व्यक्ति से प्रेम संबंध था। जब पति को इसकी भनक लगी और उसने विरोध किया, तो महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसे रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। दोनों ने मिलकर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए आरोपी महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

यह कोई पहला मामला नहीं है जब प्रेम प्रसंग में बाधा बनने पर पति की हत्या कर दी गई हो। इससे पहले जयपुर में एक महिला ने अपने प्रेमी संग मिलकर पति को नशीली दवा देकर मौत के घाट उतार दिया था। बीकानेर में भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जहां पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर गला रेतकर अपने पति की हत्या की थी। इन घटनाओं ने न सिर्फ रिश्तों की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि रिश्तों में बढ़ती दरारें, संवाद की कमी और नैतिक मूल्यों का पतन ऐसे अपराधों को जन्म दे रहे हैं। पुलिस प्रशासन का कहना है कि इस तरह के जघन्य अपराधों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि अपराधियों को कड़ा संदेश दिया जा सके। प्यार के नाम पर हो रही इन क्रूरताओं ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं भावनाएं इंसानियत से ऊपर तो नहीं होती जा रहीं।

बागेश्वर कपकोट में नाबालिक से बंद कमरे में छेड़छाड़ मुर्गा बनाकर पिटा

बागेश्वर कपकोट में बंद कमरे में किशोरियों को मुर्गा बनाकर उनसे मारपीट और छेड़छाड़ का मामला सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है। ये मामला उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र से सामने आया है। इसका दो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ युवक दो किशोरियों को बंद कमरे में मुर्गा बनाकर उनसे छेड़छाड़ और मारपीट करते हुए दिखाई दे रहा है वीडियो वायरल होने के बाद किशोरी के परिजनों ने कपकोट थाने में लक्की कठायत, योगेश गढि़या, तनुज गढि़या और दक्ष फर्स्वाण के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है पुलिस ने शिकायत के आधार पर चारों आरोपियों के खिलाफ धारा- 74, 115(2), 352, 351(2) बीएननएस और 7/8 पॉक्सो अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। वही संबंध में थाना प्रभारी कपकोट खुशवंत सिंह ने मीडिया से चर्चा की दौरान बताया कि चार आरोपियों पर पास्को एक्ट के साथ अन्य धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया गया है इस घटना में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है अन्य आरोपी को गिरफ्तार करने के प्रयास पुलिस द्वारा किए जा रहे हैं आरोपियों द्वारा पुलिस पर हमला करने की बात से थाना प्रभारी द्वारा इनकार किया गया है

39 साल की सेवा के बाद निलंबन! एसएसआई देशवालती की कमिश्नर ऑफिस में गुहार

भोपाल थाना गांधीनगर में पदस्थ वरिष्ठ एसएसआई अशोक देशवालती को 4 अप्रैल को बिना किसी विभागीय जांच और पूर्व सूचना के निलंबित कर दिया गया। यह फैसला उस वक्त आया जब उन्हें बताया गया कि उनकी बीट में अवैध गतिविधि हो रही थी उनके अनुसार, न तो इस संबंध में कोई रिपोर्ट है और न ही उनके हस्ताक्षर किसी दस्तावेज़ पर मौजूद हैं।

39 वर्षों की ईमानदार और बेदाग सेवा देने वाले देशवालती ने इस निलंबन को अन्यायपूर्ण बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें जानबूझकर बलि का बकरा बनाया गया और विभागीय छवि को नुकसान पहुँचाने वाला कोई कार्य उन्होंने नहीं किया।

“क्या बीट की जिम्मेदारी केवल एक सिपाही की होती है?”
एसएसआई ने यह सवाल भी उठाया है कि जब किसी बीट में अवैध गतिविधि होती है, तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी सिर्फ एक अधिकारी पर कैसे डाली जा सकती है?

अपनी शिकायत लेकर वे सीधे भोपाल कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

सीवेज शाखा के अधिकारियों पर अभद्रता का आरोप, ड्राइवरों ने किया हंगामा–कार्रवाई नहीं होने पर काम बंद की चेतावनी

भोपाल– मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एम्स स्थित नगर निगम जोन-12 ऑफिस के सामने सोमवार को सीवेज शाखा से जुड़े ड्राइवरों ने जमकर हंगामा किया। ड्राइवरों का आरोप है कि शाखा के दो अधिकारियों ने उन्हें अपशब्द कहे और दुर्व्यवहार किया। नाराज ड्राइवरों ने माता मंदिर स्थित नगर निगम मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई।

ड्राइवरों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे मंगलवार से काम बंद कर देंगे। इससे शहर की सीवेज व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने निगम प्रशासन से निष्पक्ष जांच और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर सेमिनार का आयोजन, स्वास्थ्य जागरूकता पर डाला गया जोर

भोपाल। संयुक्त मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो की भोपाल शाखा तथा एसोसिएशन फॉर फिजिशियंस ऑफ इंडिया, मध्य प्रदेश चेप्टर के संयुक्त तत्वावधान में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ब्यूरो के प्रदेश कार्यालय में संपन्न हुआ।

सेमिनार के मुख्य अतिथि डॉ. एस. के. पाराशर (पूर्व एडिशनल डायरेक्टर, सी.जी.एच.एस., भोपाल) ने स्वास्थ्य जागरूकता की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अच्छा स्वास्थ्य न केवल परिवार की समृद्धि लाता है, बल्कि राष्ट्र की उन्नति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने खासतौर पर महिलाओं में एनीमिया की समस्या को उजागर करते हुए संतुलित और पौष्टिक आहार की आवश्यकता पर बल दिया।

अतिथि वक्ता डॉ. दीपा बाथम ने महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन की आवश्यकता बताई एवं बच्चों के समय पर टीकाकरण और उचित पोषण की सलाह दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो, भोपाल के संभागाध्यक्ष डॉ. विवेक शुक्ला ने की। कार्यक्रम का संचालन जिला अध्यक्ष श्री संतोष मसीह ने किया एवं आभार प्रदर्शन जिला मीडिया अध्यक्ष श्री प्रकाश जॉर्ज ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर प्रदेश कोऑर्डिनेटर श्रीमती भारती जैन, जिला उपाध्यक्ष श्री मनीष रघुवंशी, जिला कोऑर्डिनेटर श्री निर्मल खरे, जिला सचिव श्री चंद्रकांत पाटील, महिला जिला कोऑर्डिनेटर श्रीमती विनीता पाटिल, डॉ. रुपेश पांडे, वरिष्ठ साथी श्रीमती उर्मिला जैन एवं श्री मानव अग्निहोत्री प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

नशे में धुत कार्यशाला के दौरान गिर पड़ेसंयुक्त संचालक

ग्वालियर। महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ की कारगुजारियां इस समय काफी जोरों पर हैं। उनके बारे में जो जानकारियां सामने आ रही हैं, वे काफी आश्चर्यचकित करने वाली हैं। जानकारी मिली है कि कार्यशाला के दौरान वे नशे में इतने धुत थे कि महिला परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों के बीच गिर पड़े।
मिली जानकारी अनुसार माह जुलाई 2024 में श्योपुर के राधिका विलास होटल में महात्मा गांधी सेवा आश्रम द्धारा चंबल संभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी। बताया जा रहा है कि कार्यशाला के दौरान वहां पर उपस्थित संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ अत्याधिक मदिरापान करने की वजह से एकाएक वहां पर गिर पड़े।
महिला परियोजना अधिकारियों ने पहुंचाया आरक्षित कक्ष में
जानकारी के अनुसार अत्याधिक मदिरापान के चलते वे खड़े होने में असमर्थ थे, और ठीक ढंग से चल भी नहीं पा रहे थे। जब लडख़ड़ाकर गिरते संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ को परियोजना अधिकारियों ने देखा तो उन्हें पैलेस में आरक्षित कमरे में किसी तरह पहुंचाया। कलेक्टर ने प्रमुख सचिव को भेजे पत्र में इस बात का उल्लेख किया है और कहा है कि इससे विभाग की छवि धूमिल हुई।

आरटीआई एक्टिविस्ट दुबे ने की सीएम से शिकायत
मामला सामने आने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट
अजय दुबे ने संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ की शिकायत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से की है। सामाजिक कार्यकर्ता दुबे का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के आला अधिकारियों को मामला संज्ञान में आते ही तुरंत संयुक्त संचालक पर कार्रवाई की जानी थी। उन्होंने मांग की है कि संयुक्त संचालक को वहां से स्थानांतरित कर पत्र में उल्लेखित बिंदुओं की जांच की जाए।

दैनिक स्वतंत्र समय लगातार कर रहा खबरें प्रकाशित
यहां बता दें कि संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ द्धारा की गईं अनियमितताएं एवं लंबे समय से पदस्थापना को लेकर दैनिक स्वतंत्र समय लंबे समय से खबरें प्रकाशित कर रहा है। यही नहीं प्रकाशित की गई खबरों को लेकर महिला पर्यवेक्षकों एवं परियोजना अधिकारियों द्धारा कहा जा रहा है कि उक्त समाचार पत्र ने बिना भय, दवाब के जो समाचार प्रकाशित किए वह आज के दौर में सराहनीय है।