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इस्लाम के लिए फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने वाले आरिफ़ खान का मस्जिद बिल्किस जहां में बयान

भोपाल: कहा जाता है कि फिल्मी दुनिया में एक छोटा सा रोल पाने के लिए कलाकार किसी भी हद से गुजर जाने के लिए कभी इंकार नहीं करते लेकिन आरिफ खान की कहानी भी किसी फिल्मी कहानी से काम नहीं है कई फिल्मों में अच्छा अभिनय करने के बाद उन्होंने इस्लाम के लिए फिल्मी इंडस्ट्री को अलविदा कहकर इस्लाम की राह अपनाने वाले आरिफ़ भाई आज मस्जिद बिल्किस जहां, आरिफ नगर में तरावीह के बाद एक अहम बयान देंगे। यह बयान 18 मार्च 2025, मंगलवार को होगा, जिसमें वे अपने अनुभवों को साझा करेंगे और इस्लामी जीवनशैली की अहमियत पर रोशनी डालेंगे। आयोजकों ने सभी लोगों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा तादाद में पहुंचकर इस बयान में शिरकत करें और इससे लाभ उठाएं।

आरिफ़ भाई, जो पहले फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा थे, अपनी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लाकर अब तबलीग़ और इस्लाम की सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने एक समय में चमक-धमक और शोहरत से भरी फिल्मी दुनिया में काफी नाम कमाया, लेकिन उनके दिल में हमेशा सुकून की तलाश बनी रही। इसी तलाश ने उन्हें मज़हबी सोच की ओर प्रेरित किया, और वे इस्लाम की गहरी समझ हासिल करने में लग गए।

फिल्मी दुनिया से तबलीग़ तक का सफर

आरिफ़ भाई का यह सफर आसान नहीं था। एक वक्त था जब वे फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बना चुके थे। उनके चाहने वालों की तादाद लाखों में थी, लेकिन इस सबके बावजूद उनके दिल को वह सुकून नहीं मिला जिसकी वे तलाश कर रहे थे। धीरे-धीरे, वे इस्लामी किताबें पढ़ने लगे और तबलीग़ी जमात के कुछ लोगों से मुलाकात होने लगी। इन मुलाकातों ने उनके दिल और दिमाग पर गहरा असर डाला।

एक दिन उन्होंने फैसला किया कि वे अपनी बाकी जिंदगी अल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर गुजारेंगे। उन्होंने फिल्मों से तौबा की और पूरी तरह तबलीग़ के काम में लग गए। उनका मानना है कि दुनिया की यह जिंदगी चंद दिनों की है और असली मकसद आखिरत की तैयारी करना है। अब वे देश-विदेश में घूमकर इस्लाम की शिक्षा को आम करने का काम कर रहे हैं।

आज के बयान की अहमियत

आज का यह बयान खास इसलिए है क्योंकि इसमें आरिफ़ भाई खुद अपने सफर की दास्तान बयान करेंगे। वे बताएंगे कि कैसे उन्होंने ग्लैमर और शोहरत भरी जिंदगी को छोड़कर इस्लाम की राह चुनी और इससे उन्हें क्या सुकून मिला। वे यह भी बताएंगे कि किस तरह से एक इंसान अपनी गलतियों से सीख सकता है और तौबा करके एक नई और पाक जिंदगी शुरू कर सकता है।

इस बयान में खासतौर पर नौजवानों के लिए बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। आज के दौर में जहां सोशल मीडिया और मनोरंजन के साधनों ने लोगों को दीनी जिंदगी से दूर कर दिया है, वहीं आरिफ़ भाई जैसे लोग एक मिसाल बन सकते हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि अगर इंसान चाहे तो किसी भी वक्त सही राह पर लौट सकता है।

शहरभर में उत्साह, बड़ी तादाद में लोगों के आने की उम्मीद

मस्जिद बिल्किस जहां में होने वाले इस बयान को लेकर पूरे शहर में उत्साह देखा जा रहा है। आरिफ़ भाई की लोकप्रियता और उनकी प्रेरणादायक कहानी की वजह से बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। मस्जिद के इमाम और आयोजकों ने बताया कि बयान के लिए खास इंतजाम किए गए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आराम से बैठकर इसे सुन सकें।

इसके अलावा, सोशल मीडिया और विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर भी इस बयान का प्रचार किया जा रहा है। कई लोगों ने इसे एक सुनहरा मौका बताया है, जहां वे आरिफ़ भाई से रूबरू होकर उनके सफर के बारे में जान सकेंगे और अपनी जिंदगी में कुछ नया सीख सकेंगे।

आयोजकों की अपील

इस बयान को लेकर आयोजकों ने सभी हज़रात से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा तादाद में इस आयोजन में शिरकत करें। उनका कहना है कि ऐसे मौके बार-बार नहीं आते, जहां एक इंसान अपनी जिंदगी में हुए बड़े बदलाव को सामने रखे और दूसरों को उससे सीखने का मौका मिले।

आयोजकों ने खासतौर पर नौजवानों से अपील की है कि वे इस बयान में जरूर शामिल हों, क्योंकि यह उनकी जिंदगी बदलने का जरिया बन सकता है। आज के दौर में जहां बहुत सारे लोग दुनिया की चकाचौंध में उलझे हुए हैं, वहां इस तरह के बयान उन्हें सोचने और अपने जीवन को सही दिशा देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

नतीजा

आरिफ़ भाई का यह बयान यकीनन उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा जो जिंदगी में किसी मकसद की तलाश में हैं। यह बयान न सिर्फ उनकी कहानी को सामने लाएगा, बल्कि इस्लाम की सच्चाई और सुकून भरी जिंदगी की ओर भी इशारा करेगा। उम्मीद की जा रही है कि यह आयोजन कामयाब होगा और लोग इससे बहुत कुछ सीखकर लौटेंगे।

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