भोपाल थाना गांधीनगर में पदस्थ वरिष्ठ एसएसआई अशोक देशवालती को 4 अप्रैल को बिना किसी विभागीय जांच और पूर्व सूचना के निलंबित कर दिया गया। यह फैसला उस वक्त आया जब उन्हें बताया गया कि उनकी बीट में अवैध गतिविधि हो रही थी उनके अनुसार, न तो इस संबंध में कोई रिपोर्ट है और न ही उनके हस्ताक्षर किसी दस्तावेज़ पर मौजूद हैं।
39 वर्षों की ईमानदार और बेदाग सेवा देने वाले देशवालती ने इस निलंबन को अन्यायपूर्ण बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें जानबूझकर बलि का बकरा बनाया गया और विभागीय छवि को नुकसान पहुँचाने वाला कोई कार्य उन्होंने नहीं किया।
“क्या बीट की जिम्मेदारी केवल एक सिपाही की होती है?”
एसएसआई ने यह सवाल भी उठाया है कि जब किसी बीट में अवैध गतिविधि होती है, तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी सिर्फ एक अधिकारी पर कैसे डाली जा सकती है?
अपनी शिकायत लेकर वे सीधे भोपाल कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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