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भोपाल: छोला स्थित उड़िया बस्ती में लगी भीषण आग, दो घंटे देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड

भोपाल के छोला स्थित उड़िया बस्ती में भीषण आग लगने की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। आग लगने के बाद रहवासियों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को कॉल किया, लेकिन दमकल की गाड़ियाँ दो घंटे की देरी से पहुंचीं। इस दौरान स्थानीय लोगों ने खुद ही आग बुझाने का प्रयास किया।

घटना की सूचना मिलने पर मंत्री विश्वास कैलाश सारंग तत्काल मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। रहवासियों ने बताया कि वे लगातार नगर निगम कमिश्नर से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनका फोन नहीं उठाया गया। यही नहीं, पूर्व में भोपाल नगर निगम कमिश्नर द्वारा सांसद आलोक शर्मा का भी फोन नहीं उठाया गया था जिसे संसद आलोक शर्मा भोपाल नगर निगम कमिश्नर पर काफी नाराज हुए थे जिसका असर कमिश्नर पर देखने को नहीं मिला नगर निगम कमिश्नर द्वारा फोन नहीं उठाने से ऐसा प्रतीत होता है कि मध्य प्रदेश शासन पर नौकरशाही हावी हो चुकी है

इस पर मंत्री विश्वास सारंग ने नगर निगम कमिश्नर को कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि क्या वे वास्तव में नगर निगम के कमिश्नर हैं, जब वे ऐसी आपात स्थितियों में भी फोन नहीं उठाते। मंत्री सारंग ने मौके पर ही नगर निगम अधिकारियों को लापरवाही के लिए चेतावनी दी और जल्द से जल्द उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। ताकि आगे से इस तरह की घटना पर काबू आसानी से पाया जा सके क्योंकि मौसम में तब्दीली आने के कारण आए दिन कहीं ना कहीं आगजनी की घटनाएं होती रहती है अगर फायर ब्रिगेड कर्मचारियों की लापरवाही ऐसी रही तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है

भोपाल में दिनदहाड़े युवक का काटा गला हालत गंभीर

भोपाल में अपराधियों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। हाल ही में टीटी नगर थाना क्षेत्र में अर्जुन नगर के बदमाश उमेश और आदि ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक युवक के गले पर तलवार चला दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में उसका इलाज जारी है। टी टी नगर थाना प्रभारी सुधीर अर्जरिया ने चर्चा में बताया कि युवक का हमला वारो का युवक से पुराना विवाद चल रहा था किसी कंप्रोमाइज को लेकर बातचीत की जा रही थी किसी बात पर बात बिगड़ने से युवक के गले पर चाकू से हमला किया गया है टी टी नगर थाना पुलिस ने हत्या के प्रयास का अपराध दर्ज करके जांच शुरू कर दी है यह घटना केवल एक उदाहरण है कि कैसे शहर में गुंडागर्दी कानून व्यवस्था पर हावी हो रही है। राजधानी भोपाल अब अपराधियों की शरणस्थली बनती जा रही है, जहां खाकी वर्दी का कोई डर नहीं रहा और कानून व्यवस्था पूरी तरह से लचर हो चुकी है। पुलिस की नाकामी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अशोका गार्डन, गांधीनगर, तलैया थाना क्षेत्रों में हाल ही में हुई हत्याओं ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया, लेकिन अपराधियों को पूरी तरह पकड़ने में पुलिस अब तक असफल रही है।

सिर्फ अपराध ही नहीं, बल्कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। ऐशबाग थाना क्षेत्र में हाल ही में एक गंभीर भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ, जिसमें पुलिसकर्मियों पर आरोप लगा कि उन्होंने एक मामले में रिश्वत लेकर कार्रवाई को प्रभावित किया। ऐशबाग थाना प्रभारी सहित तीन और पुलिस कर्मियों पर अपराध दर्ज किया गया था लेकिन फरार पुलिस कर्मियों को भोपाल पुलिस अब तक नहीं गिरफ्तार कर पाई जिसमें से थाना प्रभारी जितेन गढ़वाल ने हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत प्राप्त करने में सफलता भी प्राप्त कर ली है सी पवन रघुवंशी जो पूरी घटना के सूत्रधार थे और उनके द्वारा सिर्फ इसी थाने में नहीं अन्य थानों में भी कई भ्रष्टाचार एवं अपराधियों को बचाने के लिए मामलों में हेयर फेयर करने के आरोप लगाते रहे है जो कि अब तक पुलिस की पकड़ से काफी दूर नजर आ रहे हैं और लगातार अपनी अग्रिम जमानत करवाने के प्रयास कर रहे हैं इस तरह के मामलों से न सिर्फ आम जनता का भरोसा पुलिस से उठता जा रहा है, बल्कि अपराधियों के हौसले भी और ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं।

आए दिन हो रही हत्याएं, लूट, अड़ीबाजी और गुंडागर्दी से भोपाल में भय का माहौल है, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में भोपाल पूरी तरह से अपराधियों के शिकंजे में चला जाएगा और आम जनता खुद को पूरी तरह असुरक्षित महसूस करने लगेगी।

अशोका गार्डन में अवैध निर्माण सामग्री कारोबार से जनता परेशान।

भोपाल के अशोका गार्डन क्षेत्र की सुभाष कॉलोनी में सिध्दीविनायक एवं अन्य अवैध रूप से ईंट, गिट्टी, रेत और सीमेंट विक्रेताओं द्वारा सड़क पर कब्जा कर लिया गया है, जिससे स्थानीय निवासियों और राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर ही घंटों तक रेत और गिट्टी भरने के लिए गाड़ियां खड़ी कर दी जाती हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। वहीं, निर्माण सामग्री से उड़ने वाली धूल और जाम के कारण स्थानीय लोगों का जीना दूभर हो गया है।

आसपास के लोग लगातार इस अवैध कब्जे की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार को नगर निगम के कुछ कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त है, जो मोटी रकम वसूलकर इस अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। परिणामस्वरूप, दिन-प्रतिदिन यह समस्या और गंभीर होती जा रही है, जिससे आमजन का जीवन प्रभावित हो रहा है।

भोपाल नगर निगम की सफाई व्यवस्था चरमराई, सुदामा नगर बना गंदगी का अड्डा

भोपाल नगर निगम का बहुचर्चित स्वच्छता अभियान जमीनी हकीकत में पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। जोन क्रमांक 12, वार्ड क्रमांक 44 के सुदामा नगर में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं, नालियां कचरे से भरी हुई है और सीवेज का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। लेकिन नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी इस अव्यवस्था को दूर करने के बजाय केवल आंखें मूंदे बैठे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई कर्मचारियों की लापरवाही और नगर निगम के दरोगा और AHO की उदासीनता के कारण क्षेत्र में गंदगी का साम्राज्य स्थापित हो गया है। न तो नियमित सफाई की जा रही है और न ही कचरा उठाने की कोई व्यवस्था है। गंदगी के कारण पूरे इलाके में बदबू फैल रही है और बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी महज कागजी कार्यवाही और दिखावटी स्वच्छता अभियानों में व्यस्त हैं।

अगर नगर निगम के दरोगा और AHO की सही तरीके से जांच की जाए, तो सफाई व्यवस्था के नाम पर हो रहे बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि सफाई कर्मचारियों से केवल कागजों में काम करवाया जा रहा है, जबकि हकीकत में गंदगी जस की तस बनी हुई है। सरकारी फंड का दुरुपयोग और अधिकारियों की मिलीभगत ने भोपाल के स्वच्छता अभियान को एक दिखावा बना दिया है।

सरकार द्वारा प्रचारित स्वच्छता अभियान यहां केवल फोटो और वीडियो तक सीमित रह गया है। जमीनी स्तर पर इसकी सच्चाई उजागर करने वाला सुदामा नगर ऐसा उदाहरण बन चुका है, जहां लोग गंदगी और प्रशासन की निष्क्रियता से त्रस्त हैं। स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम से मांग की है कि सफाई व्यवस्था को तुरंत सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, अन्यथा वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

बलवा मॉक ड्रिल: पुलिस ने दिखाई दंगाइयों से निपटने की तैयारियां

भोपाल (ग्रामीण) पुलिस ने बैरसिया के बर्री छीरखेड़ा मैदान में बलवा मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस अभ्यास का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा और अति. पुलिस अधीक्षक डॉ. नीरज चौरसिया ने किया। ड्रिल के दौरान पुलिसकर्मियों को टियर गैस, स्मोक गैस और भीड़ नियंत्रण के अन्य उपायों का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही, घायल व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने और दंगाइयों से निपटने के उपकरणों का उपयोग भी सिखाया गया। अभ्यास के समापन पर पुलिस ने बैरसिया नगर के मुख्य मार्ग पर पैदल मार्च निकाला, जिससे जनता में सुरक्षा को लेकर भरोसा बढ़ा। इस मौके पर एसडीओपी बैरसिया, बिलखिरिया और इटखेड़ी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस तरह के अभ्यास नियमित रूप से किए जाएंगे ताकि बलवा जैसी स्थितियों से निपटने में कोई कमी न रहे।

ईद से पहले वेतन की मांग, कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन; नगर निगम की अनियमितताओं पर भी उठे सवाल

भोपाल। मध्य प्रदेश शासकीय वाहन चालक, यांत्रिक कर्मचारी संघ भोपाल के अध्यक्ष इरफान अल्ताफ ने भोपाल नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर ईद उल फितर से पहले कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने की मांग की है।

संघ ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि इस वर्ष ईद उल फितर का त्योहार 1 अप्रैल को मनाया जाएगा, और माह के अंत में त्योहार पड़ने से कर्मचारियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में वेतन समय पर न मिलने से वे त्योहार की आवश्यक तैयारियां नहीं कर पाएंगे।

संघ के अध्यक्ष इरफान अल्ताफ ने नगर निगम प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जहां एक ओर नगर निगम के अधिकारी और ठेकेदार बड़े घोटालों और वित्तीय अनियमितताओं में संलिप्त हैं, वहीं दूसरी ओर मेहनतकश कर्मचारियों को समय पर वेतन तक नहीं दिया जाता। हाल ही में नगर निगम में ठेका कार्यों और अन्य परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें अधिकारियों पर फर्जी बिलिंग और अनियमित भुगतान के आरोप लगे हैं। ऐसे में निगम के पास यदि भ्रष्टाचार के लिए धन है तो कर्मचारियों के वेतन के लिए क्यों नहीं? हालांकि संबंध में नगर निगम कमिश्नर से चर्चा करना चाहिए पर उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया है।

गांधीनगर में फिर खूनी खेल, युवक पर जानलेवा हमला

क्राइम रिपोर्टर कयुम पठान की विशेष रिपोर्ट
राजधानी भोपाल के गांधीनगर थाना क्षेत्र में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। ताजा मामले में गौरव त्यागी और उसके साथियों ने पुरानी रंजिश के चलते रितिक लालवानी नामक युवक पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। हमले में रितिक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका निजी अस्पताल में इलाज जारी है। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर खुद ही गांधीनगर थाने पहुंच गए।

गांधीनगर थाना क्षेत्र में लगातार गंभीर अपराध बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन पुलिस इन पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। कुछ ही दिनों पहले यहां हत्या की एक वारदात हुई थी, जिसकी गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि एक और हत्या के प्रयास ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्र में लगातार हो रही वारदातें दर्शाती हैं कि पुलिस की लापरवाही का फायदा उठाकर अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

रितिक लालवानी के चाचा और बड़े भाई ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि गौरव त्यागी से उनका पुराना विवाद चल रहा था, जिसके चलते योजना बनाकर इस हमले को अंजाम दिया गया। आरजीपीवी कॉलेज के पास हुई इस घटना ने एक बार फिर से गांधीनगर पुलिस की नाकामी को उजागर कर दिया है। गांधीनगर क्षेत्र में आम जनता के लिए बढ़ते अपराध चिंता का विषय बन गया है जनता इन दोनों अपराधियों के बढ़ते हौसले के कारण अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है इस घटना के संबंध में गांधीनगर थाना प्रभारी से और अधिक जानकारी जुटाना के लिए चर्चा करने का प्रयास हमारे लेकिन थाना प्रभारी ने फोन रिसीव नहीं किया है

भाजपा जिला अध्यक्ष ने संयुक्त संचालक के स्थानांतरण की मांग की

ग्वालियर। महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया लगातार मुखर हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर डीके सिद्धार्थ पर गंभीर आरोप लगाते हुए तुरंत स्थानांतरण की मांग की है। हालांकि, इस मांग के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे जनमानस में यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर किसके संरक्षण में संयुक्त संचालक इतने लंबे समय से पदस्थ हैं।

संभागीय संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ की चंबल संभाग में पदस्थापना 6 जून 2017 को हुई थी। शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार, प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारियों को तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर नहीं रखा जाता, लेकिन इसके विपरीत सिद्धार्थ सात वर्षों से अधिक समय से यहां कार्यरत हैं। उनके विरुद्ध लगातार शिकायतें भी दर्ज हुई हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

भाजपा जिला अध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने शिकायत दी कि डीके सिद्धार्थ अनावश्यक रूप से उन्हें परेशान कर रहे हैं। इस पर गंभीरता दिखाते हुए नरवरिया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संयुक्त संचालक के स्थानांतरण की मांग की। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि डीके सिद्धार्थ की 17 वर्षों की सेवाएं चंबल अंचल में रही हैं। वे भिंड में दो बार जिला कार्यक्रम अधिकारी रहे, फिर मुरैना में सात वर्षों तक इसी पद पर कार्यरत रहने के बाद संयुक्त संचालक के रूप में पदस्थ हुए।

जिला अध्यक्ष नरवरिया ने आरोप लगाया कि डीके सिद्धार्थ ने आर्थिक हितों के लिए क्षेत्र में अपनी गहरी पकड़ बना ली है, जिससे वे इतने लंबे समय से पदस्थ बने हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि नियमों के उल्लंघन को संज्ञान में लेते हुए डीके सिद्धार्थ का तुरंत स्थानांतरण किया जाए।

हालांकि एकल सत्य न्यूज़ इस खबर की पुष्टि नही करता,ये पत्र एवं खबर तेज़ी से social media पर वायरल हो रहा है।

भोपाल जिला पंचायत बैठक में पीएचई इंजीनियर को फटकार, ग्रामीण क्षेत्रों में पानी संकट पर सख्त रुख

भोपाल जिला पंचायत की बैठक में पेयजल संकट को लेकर पीएचई विभाग के अधिकारियों की जमकर क्लास लगी। जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत को गंभीरता से लेते हुए पीएचई इंजीनियर को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में पानी की समस्या से ग्रामीणों को जूझना न पड़े, इसके लिए पहले से ही ठोस कदम उठाए जाने चाहिए थे। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि जल्द से जल्द सभी प्रभावित क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और जरूरी मरम्मत कार्य बिना देरी के पूरे किए जाएं।

फंदा ब्लॉक के ग्राम पंचायत में सरकार की महत्वपूर्ण योजना ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पाक विभाग के लापरवाही से बड़ा खेल किया गया है अधिकतर पंचायत में नल जल योजना के तहत कार्यों में कार्य संपूर्ण हो गए हैं लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है ग्रामीण इस नल जल योजना का लाभ नहीं ले पाए साथी उनको पानी के लिए कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है नल जल योजना पंचायत में फेल होती नजर आ रही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नल जल योजना के तहत हर घर नल जल पहुंचने की जिम्मेदारी पाक विभाग और ठेकेदारों की मिली भगत के कारण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है

भोपाल क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई: 8 किलो गांजा जब्त, दो आरोपी गिरफ्तार

भोपाल क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई: गांजा तस्करी में लिप्त दो आरोपी गिरफ्तार, 08 किलो 350 ग्राम अवैध मादक पदार्थ जब्त, कुल कीमत लगभग दो लाख रुपये

भोपाल क्राइम ब्रांच ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई की। इस दौरान दो आरोपी गिरफ्तार किए गए। उनके पास से 08 किलो 350 ग्राम गांजा बरामद हुआ।

शहर में अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस आयुक्त भोपाल श्री हरिनारायणाचारी मिश्र एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। पुलिस उपायुक्त अपराध श्री अखिल पटेल एवं अति. पुलिस उपायुक्त अपराध श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान, सहायक पुलिस आयुक्त अपराध श्री मुख्तार कुरैशी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच अशोक मरावी व उनकी टीम को शहर में अवैध मादक पदार्थ तस्करों की तलाश में लगाया गया था।

अपराध का विवरण:

विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि थाना कोहेफिजा क्षेत्र में वीआईपी गेस्ट हाउस के पीछे दो युवक संदिग्ध हालत में खड़े हैं, जिनके पास बैग में बड़ी मात्रा में गांजा है और वे किसी ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं। सूचना के आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर क्राइम ब्रांच टीम मौके पर पहुंची। मुखबिर द्वारा बताए गए हुलिए के अनुसार दो युवकों को बैग के साथ देखा गया, जिन्हें घेराबंदी कर हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम सचिन कुचबंदिया (20) निवासी सागर और निखिल जयसवाल (22) निवासी भोपाल बताया।

दोनों आरोपियों के बैग की तलाशी लेने पर उसमें गांजा बरामद हुआ। जब्त मादक पदार्थ का कुल वजन 08 किलो 350 ग्राम था। पूछताछ में आरोपियों ने इसे स्वयं का होना स्वीकार किया। आरोपियों के खिलाफ धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

आरोपियों की जानकारी:

सराहनीय कार्य:
इस कार्रवाई में उपनिरीक्षक इरशाद अंसारी, उपनिरीक्षक अजीज खान, सहायक उपनिरीक्षक चंद्रमोहन मिश्रा, सहायक उपनिरीक्षक अनिल तिवारी, प्रधान आरक्षक विश्वजीत भार्गव, प्रधान आरक्षक मुजफ्फर अली, प्रधान आरक्षक प्रतीक कुमार, आरक्षक बृजमोहन व्यास, आरक्षक ऋषिकेश त्यागी, आरक्षक विजय सेंगर, आरक्षक मुकेश शर्मा, आरक्षक महावीर, आरक्षक विवेक नामदेव और महिला आरक्षक संध्या शर्मा की विशेष भूमिका रही।