भोपाल नगर निगम का बहुचर्चित स्वच्छता अभियान जमीनी हकीकत में पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। जोन क्रमांक 12, वार्ड क्रमांक 44 के सुदामा नगर में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं, नालियां कचरे से भरी हुई है और सीवेज का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। लेकिन नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी इस अव्यवस्था को दूर करने के बजाय केवल आंखें मूंदे बैठे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई कर्मचारियों की लापरवाही और नगर निगम के दरोगा और AHO की उदासीनता के कारण क्षेत्र में गंदगी का साम्राज्य स्थापित हो गया है। न तो नियमित सफाई की जा रही है और न ही कचरा उठाने की कोई व्यवस्था है। गंदगी के कारण पूरे इलाके में बदबू फैल रही है और बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी महज कागजी कार्यवाही और दिखावटी स्वच्छता अभियानों में व्यस्त हैं।
अगर नगर निगम के दरोगा और AHO की सही तरीके से जांच की जाए, तो सफाई व्यवस्था के नाम पर हो रहे बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि सफाई कर्मचारियों से केवल कागजों में काम करवाया जा रहा है, जबकि हकीकत में गंदगी जस की तस बनी हुई है। सरकारी फंड का दुरुपयोग और अधिकारियों की मिलीभगत ने भोपाल के स्वच्छता अभियान को एक दिखावा बना दिया है।
सरकार द्वारा प्रचारित स्वच्छता अभियान यहां केवल फोटो और वीडियो तक सीमित रह गया है। जमीनी स्तर पर इसकी सच्चाई उजागर करने वाला सुदामा नगर ऐसा उदाहरण बन चुका है, जहां लोग गंदगी और प्रशासन की निष्क्रियता से त्रस्त हैं। स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम से मांग की है कि सफाई व्यवस्था को तुरंत सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, अन्यथा वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
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