ग्वालियर। महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया लगातार मुखर हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर डीके सिद्धार्थ पर गंभीर आरोप लगाते हुए तुरंत स्थानांतरण की मांग की है। हालांकि, इस मांग के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे जनमानस में यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर किसके संरक्षण में संयुक्त संचालक इतने लंबे समय से पदस्थ हैं।
संभागीय संयुक्त संचालक डीके सिद्धार्थ की चंबल संभाग में पदस्थापना 6 जून 2017 को हुई थी। शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार, प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारियों को तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर नहीं रखा जाता, लेकिन इसके विपरीत सिद्धार्थ सात वर्षों से अधिक समय से यहां कार्यरत हैं। उनके विरुद्ध लगातार शिकायतें भी दर्ज हुई हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

भाजपा जिला अध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने शिकायत दी कि डीके सिद्धार्थ अनावश्यक रूप से उन्हें परेशान कर रहे हैं। इस पर गंभीरता दिखाते हुए नरवरिया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संयुक्त संचालक के स्थानांतरण की मांग की। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि डीके सिद्धार्थ की 17 वर्षों की सेवाएं चंबल अंचल में रही हैं। वे भिंड में दो बार जिला कार्यक्रम अधिकारी रहे, फिर मुरैना में सात वर्षों तक इसी पद पर कार्यरत रहने के बाद संयुक्त संचालक के रूप में पदस्थ हुए।
जिला अध्यक्ष नरवरिया ने आरोप लगाया कि डीके सिद्धार्थ ने आर्थिक हितों के लिए क्षेत्र में अपनी गहरी पकड़ बना ली है, जिससे वे इतने लंबे समय से पदस्थ बने हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि नियमों के उल्लंघन को संज्ञान में लेते हुए डीके सिद्धार्थ का तुरंत स्थानांतरण किया जाए।
हालांकि एकल सत्य न्यूज़ इस खबर की पुष्टि नही करता,ये पत्र एवं खबर तेज़ी से social media पर वायरल हो रहा है।
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